संवेदनाओं का सागर लहराता है वहां बस, ऐसी दुनिया ही अपना घर संसार है। संवेदनाओं का सागर लहराता है वहां बस, ऐसी दुनिया ही अपना घर संसार है।
दो शब्द,उसने कहा और दूसरे उसने चालाकी से उसे लोगों तक फैला दिया दो शब्द,उसने कहा और दूसरे उसने चालाकी से उसे लोगों तक फैला दिया
मनुष्य का चरित्र मनुष्य का अपना होता है नितांत अपना! मनुष्य का चरित्र मनुष्य का अपना होता है नितांत अपना!
संघ के पथ पर चलने कबसे उत्सुक थी। संघ के पथ पर चलने कबसे उत्सुक थी।
रेखा एक नियम षड्यंत्र नोकझोंक या प्रतिष्ठा। रेखा एक नियम षड्यंत्र नोकझोंक या प्रतिष्ठा।
जकड़े लोग रीतियों को निभाते हुए अपने फर्जों की इतिश्री करते हैं। जकड़े लोग रीतियों को निभाते हुए अपने फर्जों की इतिश्री करते हैं।